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Indian Railways: वेटिंग टिकट कितने नंबर तक होता है कंफर्म? रेलवे ने किया बड़ा खुलासा

रेलवे वेटिंग टिकट कंफर्मेशन: जानिए कंफर्म होने के पीछे का गणित

भारतीय रेलवे के माध्यम से यात्रा करने वाले कई यात्री वेटिंग टिकट बुक करते समय इस असमंजस में रहते हैं कि उनका टिकट आखिरी समय तक कंफर्म होगा या नहीं। इस उलझन को समझते हुए भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट कंफर्मेशन के पीछे के प्रोसेस और गणित को स्पष्ट किया है।

वेटिंग टिकट कंफर्मेशन की प्रक्रिया

वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है। सामान्यतः, टिकट कंफर्मेशन दो तरीकों से होता है:

  1. नॉर्मल कैंस‍िलेशन: औसतन, 21% यात्री अपने बुक किए गए टिकट को यात्रा से पहले रद्द कर देते हैं। यह वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावनाओं को बढ़ाता है।
  2. इमरजेंसी कोटा: रेलवे कुछ सीटों को इमरजेंसी कोटे के लिए आरक्षित रखता है, जो बीमार या जरूरतमंद यात्रियों को आवंटित की जाती हैं। यदि इन सीटों का उपयोग नहीं होता, तो इन्हें सामान्य बुकिंग पूल में जोड़ दिया जाता है, जिससे वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।

सीट खाली होने की संभावना

स्लीपर कोच की बात करें तो, 72 सीटों वाले एक स्लीपर कोच में औसतन 14 सीटें रद्दीकरण या अन्य कारणों से खाली हो सकती हैं। इसके अलावा, 4-5% यात्री ऐसे भी होते हैं जो टिकट बुक करने के बावजूद यात्रा नहीं करते। इन दोनों कारणों को मिलाकर एक स्लीपर कोच में लगभग 18 सीटें वेटिंग टिकट यात्रियों के लिए कंफर्म हो सकती हैं।

यदि ट्रेन में 10 स्लीपर कोच हैं, तो लगभग 180 वेटिंग टिकट कंफर्म हो सकते हैं। यह गणित थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोच पर भी लागू होता है, हालांकि एसी कोचों में कंफर्मेशन की संभावना थोड़ा अलग हो सकती है।

त्योहारों में कंफर्मेशन की चुनौती

त्योहारों के समय ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, और वेटिंग लिस्ट कई बार 500 तक पहुंच जाती है। ऐसे में कंफर्मेशन की संभावना कम हो जाती है। हालांकि, यदि इमरजेंसी कोटा की केवल 5% सीटें उपयोग में आती हैं, तो शेष 5% सीटें वापस पूल में जोड़ दी जाती हैं, जिससे वेटिंग टिकट की कंफर्मेशन संभावना थोड़ी बढ़ जाती है।

रेलवे का अनुमान लगाने का प्रयास

हालांकि, कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वेटिंग टिकट कंफर्मेशन का अनुमान लगाते हैं, लेकिन ये भविष्यवाणियां हमेशा सही साबित नहीं होतीं। रेलवे का फॉर्मूला और कैंस‍िलेशन के पैटर्न को समझकर यात्री बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

यात्रा की योजना बनाते समय ध्यान रखें

वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना 21-25% तक होती है। इसलिए, यदि आपका वेटिंग नंबर बहुत अधिक है, तो यह मान लेना बेहतर है कि टिकट कंफर्म नहीं होगा और वैकल्पिक यात्रा की योजना बना लें।

भारतीय रेलवे द्वारा साझा किया गया यह फॉर्मूला यात्रियों के लिए वेटिंग टिकट कंफर्मेशन को बेहतर ढंग से समझने और यात्रा की योजना बनाने में मददगार साबित हो सकता है।

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